Rabi Fertilizer Subsidy India: केंद्र सरकार ने रबी सीजन के किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया है। कैबिनेट बैठक में ₹28,000 करोड़ की फर्टिलाइज़र सब्सिडी को मंजूरी दे दी गई है, जिससे किसानों के लिए खेती का खर्च काफी कम हो जाएगा। सरकार का यह कदम किसानों की आय संरक्षण और उन्हें खेती के लिए आवश्यक इनपुट्स कम लागत पर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इस मंजूरी से खाद कंपनियों को भी राहत मिलेगी और बाजार में उर्वरकों की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है।
न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी स्कीम के तहत मंजूरी
सरकार ने NBS (Nutrient Based Subsidy Scheme) के अंतर्गत P, K और S यानी फास्फोरस, पोटैश और सल्फर आधारित उर्वरकों की 28 ग्रेड्स पर सब्सिडी बढ़ाई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की बढ़ती कीमतों और डिलीवरी लागत को ध्यान में रखते हुए नई सब्सिडी दरें तय की गई हैं, ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े और खेतों में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग बढ़ सके।

DAP और NPK के दाम में स्थिरता
सरकार की मंजूरी के बाद विशेष रूप से किसानों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले DAP और NPK के दाम स्थिर रखे जाएंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों के लिए कीमतें नहीं बढ़ेंगी और जो भी अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा, वह सरकार वहन करेगी। किसानों को किसी भी परिस्थिति में अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होगा।
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नए रेट लागू होने की तिथि
नई सब्सिडी दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी। कुल मिलाकर ₹37,952 करोड़ का खर्च सरकार वहन करेगी, ताकि किसान रबी सीजन में निश्चिंत होकर खेती कर सकें। उर्वरक मंत्रालय बहुत जल्द इसका औपचारिक नोटिफिकेशन भी जारी करेगा, जिससे कंपनियों को नई दरों के अनुसार भुगतान शुरू किया जा सके।
किसानों की खुशहाली को समर्पित पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि किसान आधुनिक तकनीक का उपयोग करें, लागत कम हो और फसल का बेहतर दाम मिले। खाद की कीमतें स्थिर रखने का यह निर्णय किसानों की आर्थिक सुरक्षा और कृषि उत्पादन बढ़ाने में ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगा। सरकार का कहना है— किसानों पर रत्ती भर बोझ नहीं पड़ेगा, अतिरिक्त भार सरकार उठाएगी।






