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Gehu Buwai Taiyari: गेहूं की बुवाई से पहले की तैयारी और जादुई खाद, किसान भाइयों के लिए 100% पैदावार गारंटी

Gehu Buwai Taiyari: गेहूं की बुवाई से पहले की तैयारी और जादुई खाद, किसान भाइयों के लिए 100% पैदावार गारंटी
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Gehu Buwai Taiyari: आज के इस लेख में हम जानेंगे कि गेहूं की फसल में अधिक पैदावार लेना केवल बुवाई के बाद की खाद और दवा पर निर्भर नहीं करता, बल्कि यह पूरी तरह से बुवाई से पहले खेत की तैयारी और बीज उपचार पर तय हो जाता है। हम आपको बताएंगे खेत की सही तैयारी कैसे करें, कौन सी खाद और बीज उपचार फसल को सबसे अच्छा परिणाम देगा, और बुवाई का सही समय कब है, ताकि किसान भाई हर एकड़ से अधिकतम पैदावार प्राप्त कर सकें।

खेत की सही तैयारी: फसल की सफलता की नींव

गेहूं की फसल की सफलता के लिए सबसे पहला कदम खेत की तैयारी है। मिट्टी भुरभुरी, नरम और उपजाऊ होनी चाहिए, ताकि बीज जमीन से पोषक तत्व आसानी से ले सके और जड़ें गहराई तक फैलें। पिछली फसल के अवशेषों को जलाना नुकसानदायक होता है क्योंकि इससे मिट्टी में मौजूद जैविक कार्बन नष्ट हो जाता है। इन अवशेषों को रोटावेटर की मदद से मिट्टी में मिलाना चाहिए।

Gehu Buwai Taiyari: गेहूं की बुवाई से पहले की तैयारी और जादुई खाद, किसान भाइयों के लिए 100% पैदावार गारंटी

गहरी जुताई और समतलीकरण

बुवाई से पहले कम से कम एक बार गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी की कठोर परत टूटती है, जड़ें पोषक तत्व और पानी आसानी से ले सकती हैं। साथ ही, मिट्टी में छिपे कीट और खरपतवार ऊपर आ जाते हैं और धूप में नष्ट हो जाते हैं। इसके बाद दो से तीन जुताई कल्टीवेटर या रोटावेटर से करें और खेत को पूरी तरह समतल करें। समतल खेत में बीज समान गहराई पर गिरता है और सिंचाई का पानी पूरे खेत में समान रूप से फैलता है।

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बुवाई के समय उपयोग होने वाली जादुई खाद

अंतिम जुताई के समय चार से पांच ट्रॉली अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। इसे ट्राइकोडर्मा से उपचारित करना फसल में आने वाले फफूल जनित रोगों को रोकने में मदद करता है। इसके साथ बीज के साथ मिलाने के लिए डीएपी 50 किलो, पोटाश 10 किलो और यूमिक एसिड 2 किलो प्रति एकड़ की मात्रा में डालें।

बीज का सही उपचार: पैदावार की गारंटी

अच्छी पैदावार के लिए बीज को सही तरीके से उपचारित करना सबसे महत्वपूर्ण है। कात्यायनी नीव (टेबुकोनाजोल 2% डीएस) फसल में शुरुआती रोगों को रोकता है और डॉक्टर (थायमिथोक्सम 30% एफएस) रस चूसक कीटों से बचाता है। सही उपचारित बीज से फसल की आधी पैदावार पहले ही सुनिश्चित होती है।

बुवाई का सही समय और बीज दर

गेहूं की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर है, जिसमें 10-15 नवंबर का समय सर्वोत्तम माना जाता है। इस दौरान बीज की मात्रा 40 से 50 किलो प्रति एकड़ रखी जाती है। अगर बुवाई 15 नवंबर के बाद होती है, तो बीज दर बढ़ाकर 60 से 65 किलो प्रति एकड़ करनी चाहिए।

फास्फोरस, पोटाश और जिंक का महत्व

गेहूं की फसल को फास्फोरस, पोटाश और जिंक की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। यूरिया का 1/3 भाग बीज की बुवाई के समय उपयोग में लाना चाहिए। यह फसल की शुरुआत में पोषण सुनिश्चित करता है और पौधों की ग्रोथ को बढ़ाता है।

इस पूरी प्रक्रिया को अपनाकर किसान भाई हर एकड़ से अधिकतम उत्पादन पा सकते हैं और फसल की गुणवत्ता और लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं।

FAQs

प्रश्न 1: गेहूं की बुवाई का सबसे अच्छा समय कब है?

उत्तर: 15 अक्टूबर से 15 नवंबर, जिसमें 10-15 नवंबर सर्वोत्तम समय है।

प्रश्न 2: बुवाई के समय कौन-कौन सी खादें डालनी चाहिए?

उत्तर: डीएपी 50 किलो, पोटाश 10 किलो, यूमिक एसिड 2 किलो प्रति एकड़।

प्रश्न 3: बीज उपचार क्यों जरूरी है?

उत्तर: सही बीज उपचार फसल में रोग और कीटों से नुकसान रोकता है और पैदावार बढ़ाता है।

प्रश्न 4: पिछली फसल के अवशेषों को कैसे संभालें?

उत्तर: अवशेषों को जलाने की बजाय रोटावेटर से मिट्टी में मिलाएं ताकि जैविक कार्बन बचा रहे।

प्रश्न 5: यूरिया कब देना चाहिए?

उत्तर: बीज की बुवाई के समय यूरिया का 1/3 भाग और बाकी फसल की ग्रोथ के अनुसार।

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